चमोली हिमस्खलन में लापता अंतिम मजदूर का भी शव मिला, मृतकों की संख्या आठ हुई, 46 को बचाया गया
उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ के पास माणा गांव में शुक्रवार को हिमस्खलन की घटना हुई। सीमा सड़क संगठन (BRO) के शिविर पर हुए हिमस्खलन में लापता चार मजदूरों को ढूंढने के लिए खोजी कुत्तों, थर्मल इमेजिंग कैमरों और हेलीकॉप्टरों की मदद ली गई। रविवार को जारी बचाव अभियान के दौरान चारों मजदूरों के शव बरामद हुए हैं। गोपेश्वर में स्थानीय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, माणा हिमस्खलन स्थल से 4 शव बरामद हुए हैं। रविवार को 4 शव बरामद होने के साथ ही हादसे में मरने वाले मजूदरों की संख्या 8 हो गई है।
माणा के पास शुक्रवार तड़के भारी हिमस्खलन हुआ था, जिसके चपेट में बीआरओ के 54 श्रमिक आ गए थे। आईटीबीपी और सेना के जवानों ने शुक्रवार सुबह रेस्क्यू अभियान शुरू किया। पहले दिन 33 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला गया था। शनिवार को रेस्क्यू अभियान में एनडीआरएफ भी शामिल हुई। शनिवार तक रेस्क्यू टीमों ने 46 श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया था, जबकि चार श्रमिकों के शव बरामद हुए थे। उसके बाद लापता चल रहे चार अन्य श्रमिकों की खोजबीन के लिए रविवार को फिर तीनों रेस्क्यू टीमों ने सर्च अभियान चलाया।
मृतकों का विवरण
– अनिल कुमार (21) पुत्र ईश्वरी दत्त, ठाकुर नगर रुद्रपुर ऊधमसिंह नगर उत्तराखंड।
– अशोक (28) पुत्र रामपाल, गंगहोल बेनाऊ फतेहपुर उत्तर प्रदेश।
– हरमेश (31) पुत्र ज्ञानचंद्र, कुठार ऊना हिमाचल प्रदेश।
– मोहिंदर पाल (42) पुत्र देशराज, हिमाचल।
– आलोक यादव, निवासी कानपुर उत्तर प्रदेश।
– मंजीत यादव, पुत्र शंभू, निवासी सरवान उत्तर प्रदेश
– जितेंद्र सिंह, (26) पुत्र कुलवंत सिंह, बिलासपुर उत्तर प्रदेश।
– अरविंद कुमार सिंह (43), पुत्र देवेंद्र कुमार, निवासी गोकुल धाम भगत निवास, न्यू कालोनी क्लेमेंटाउन देहरादून।
हिमस्खलन की चपेट में 54 लोग आए थे, 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया। आईटीबीपी और सेना से मिली जानकारी के अनुसार जो अंतिम व्यक्ति लापता था उसका शव भी बरामद हो गया है। हादसे में कुल आठ लोगों की जान गई है। सात शव आर्मी अस्पताल ज्योतिर्मठ पहुंच गए हैं, एक शव अभी माणा क्षेत्र में है, उसे भी हेलीकॉप्टर से लाने की कार्रवाई की जा रही है।