
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने को लेकर रेस्क्यू अभियान 24 घंटे संचालित हो रहा है। वहीं, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों की पहली तस्वीर सामने आई। तस्वीर में सभी श्रमिक सुरक्षित दिखाई दे रहे हैं। सिलक्यारा सुरंग की ओर से अमेरिकन औगर मशीन से एस्केप टनल बनाने का कार्य फिर से शुरू होने वाला है। दिल्ली से आई मैकेनिकल टीम ने अमेरिकन औगर मशीन के कलपुर्जे बदले हैं और मशीन को संचालित करने की तैयारी की जा रही है।
भूस्खलन के मलबे में छह पाइप डालने के बाद श्रमिकों तक पहली बार सॉलिड फूड पहुंचाया गया। इसके साथ ही पाइप के जरिए कैमरा भी भेजा गया। जिससे सुरंग के अंदर की तस्वीर सामने आई है। पहली बार श्रमिकों की तस्वीर सामने आई है। जो श्रमिक अंदर फंसे हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत भी की है अधिकारियों ने उनका हाल-चाल जाना। 41 मजदूरों को सुरक्षित बचाने के लिए चल रहे ऑपरेशन सिलक्यारा में लगे मजदूर भीतर का मंजर देखकर सोमवार को काम छोड़कर बाहर आ गए। कहा, उनके लिए सुरक्षा उपाय पुख्ता किए जाएं। कहीं ऐसा न हो कि वह भी यहां फंस जाएं।एनएचआईडीसीएल अब उनके लिए एस्केप टनल बना रहा है, जिसका काम अंतिम चरण में है। दरअसल, सुरंग के भीतर की मिट्टी कई जगह पर काफी भुरभुरी है। कई जगह हल्का पानी भी भरा हुआ है।
पिछले हफ्ते भूकंप के झटके के बाद सुरंग के भीतर चट्टान चटकने की आवाज भी आईं थीं। लिहाजा, सोमवार को यहां काम कर रहे मजदूर भीतर के मंजर से डर गए। उन्हें खुद के यहां फंसने का डर सताने लगा। लिहाजा, काम छोड़कर बाहर आ गए। उन्होंने बचाव अभियान के दौरान सुरक्षा इंतजाम और पुख्ता करने की मांग की। एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने बताया, सुरंग के भीतर काम करने वाले सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व मजदूरों की सुरक्षा के लिए एस्केप टनल बनाई जा रही है। इसके लिए ब्लॉक भी आ चुके हैं। काम अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा, सभी की सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है।