मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन को नन्दा गौरा योजना के प्रथम और दितीय चरण के अन्तर्गत आवेदनकर्ताओं द्वारा फर्जी आय प्रमाण पत्र संलग्न कर योजना में फर्जी तरीके से लाभ प्राप्त करने की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इनका संज्ञान लेते हुये मुख्य विकास अधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को आय प्रमाण पत्रों की गहनता से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे। जांच में ये तथ्य सामने आया कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में वित्तीय वर्ष 2022-23 में नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत जिले में कुल 1328 आवेदन पत्र प्राप्त हुये। प्रमाण पत्रों की गहराई से जांच की गयी, तो पाया गया कि उनमें से 70 आवेदन पत्र ऐसे थे, जो आय प्रमाण पत्र की दृष्टि से फर्जी पाये गये।
इसी तरह नन्दा गौरा योजना के ही द्वितीय चरण-इण्टर पास के अन्तर्गत कुल 4174 आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे। जांच करने पर 123 ऐसे आवेदन पत्र पकड़ में आये, जिनके आय प्रमाण पत्रों में छेड़छाड़ की गयी थी। इस प्रकार नन्दा गौरा योजना के प्रथम तथा द्वितीय दोनों चरणों के आवेदनों की गहनता से जांच करने पर कुल 193 आय प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये, जिसके कारण ऐसे आवेदनों को निरस्त कर दिया गया। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी ने तुरन्त ये जानकारी जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को दी। जिलाधिकारी ने तुरन्त ऐसे आवेदनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुये एफआईआर दर्ज करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि आय प्रमाण पत्रों से छेड़छाड़ करने का मामला गंभीर है। इस तरह की गड़बड़ी को हर हाल में रोका जाना चाहिए, ताकि जनता में यह स्पष्ट संदेश जाए कि सरकार अनुचित काम करने वाले किसी भी व्यक्ति, विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा कि हरिद्वार में नंदा गौरा योजना में गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने वाले अपात्र लाभार्थियों के अभिभावकों एवं इसमें शामिल विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। मंत्री ने कहा कि योजना के लिए किसी पात्र बालिका को उसके हक से वंचित कर गलत तरीके से लाभ लेने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।