देहरादून के 4 लोगों की मेंहदीपुर राजस्थान में मौत… क्या है कमरा नंबर 119 का राज… सामूहिक आत्महत्या या….
मेहंदीपुर राजस्थान में बालाजी के दर्शन के लिए गए देहरादून के एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत का राज अभी तक नहीं खुल पाया है। मृतकों के स्वजन समय पर न पहुंचने के चलते बुधवार को पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। गुरुवार को चारों का पोस्टमार्टम चिकित्सकों का पैनल करेगा। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल सकता है। दून पुलिस लगातार राजस्थान पुलिस के संपर्क में है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि संदिग्ध परिस्थितियों में दून के परिवार की मृत्यु के संबंध में थाना टोडाभीम जिला करौली की ओर से की गई प्रारंभिक जांच में तथ्य सामने आया है कि परिवार 13 जनवरी की सुबह मेहंदीपुर राजस्थान पहुंचा।
मृतकों में दंपती और उनके पुत्र व पुत्री शामिल हैं। मृतकों के शव बालाजी धाम के पास एक धर्मशाला के कमरे में पड़े मिले। राजस्थान पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या मान रही है। हालांकि, एक शक जहर खुरानी गिरोह पर भी जा रहा है। घटना 12 जनवरी की है। राजस्थान पुलिस की ओर से शवों की पहचान होने के बाद मंगलवार को घटना के संबंध में देहरादून पुलिस को इत्तला दी गई है। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने इसकी पुष्टि की है। मृतकों की पहचान रायपुर के बांगखाला चकतुनवाला के सुरेंद्र कुमार उपाध्याय (52), उनकी पत्नी कमलेश (48), पुत्री नीलम उपाध्याय और पुत्र नितिन उपाध्याय के रूप में हुई है। परिवार देहरादून से चार दिन पहले निकला था।
मेंहदीपुर की रामकृष्ण धर्मशाला में कमरा नंबर 119 में कर्मचारी सफाई करने पहुंचा था। उसने देखा कि कमरे में दो लोग अचेत अवस्था में बेड पर और दो जमीन पर पड़े थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चिकित्सकों को बुलाया तो उन्होंने सभी को मृत घोषित कर दिया। कुछ के मुंह से झाग निकल रहे थे। राजस्थान पुलिस इसे प्रथमदृष्टया सामूहिक आत्महत्या मान रही है। स्थानीय पुलिस के अनुसार नितिन उपाध्याय ऑर्डिनेंस फैक्टरी में नियमित कर्मचारी थे। जबकि उनके पिता एक अधिकारी की गाड़ी चलाते थे। नितिन की बहन नीलम की शादी हो चुकी है। लेकिन वह ससुराल से अलग होकर अपने मायके में ही रहती है। कमरा नितिन के नाम पर ही बुक था।