उत्तराखंड में मौसम के तेवर बदल गए हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में घने बादल के बीच बौछारों का दौर भी तेज हो गया है। पौड़ी और उत्तरकाशी में अतिवृष्टि से खासा नुकसान हुआ है। कुमाऊं के पिथौरागढ़ और बागेश्वर में बीते मंगलवार रात को कई स्थानों पर जोरदार वर्षा हुई। वहीं, देहरादून के मसूरी की तलहटी में बसे क्षेत्रों में शाम को झमाझम वर्षा हुई। हालांकि, शहर में वर्षा न होने के कारण लोग उमस से बेहाल रहे। प्रदेश के अन्य मैदानी क्षेत्रों में भी गर्मी का प्रकोप बना हुआ है।

बीरोंखाल विकासखंड के बैजरो क्षेत्र में शाम तीन बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। करीब तीन घंटे की बारिश में नदी-नाले और गदेरे उफना गए। इससे सुकई गांव के समीप बुआखाल-काशीपुर एनएच का 20 मीटर का हिस्सा और बैजरो-पोखड़ा मार्ग का करीब 30 मीटर का हिस्सा बह गया है। दोनों सड़कें बंद होने से आवागमन ठप हो गया। लोनिवि एनएच खंड व बैजरो खंड ने सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगा दी हैं। इधर, कुणझोली गांव में बारिश के कारण आए मलबे में एक कार दब गई है। फरसाड़ी में एक बाथरूम बह गया है। कई आवासीय भवनों में मलबा घुस गया है। वहीं भू-कटाव से कई भवनों को खतरा उत्पन्न हो गया है।

बैजरो क्षेत्र में बुधवार सुबह से उमस भरी गर्मी पड़ रही थी। शाम को एकाएक दीवा मंदिर क्षेत्र की पहाड़ियों पर जोरदार गड़गड़ाहट के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। करीब तीन घंटे तक चली बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए। फरसाड़ी गांव के पास पंचराड़ गदेरा उफान पर आने से गांव में कई घरों में मलबा घुस गया।