तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में उत्तराखंड का सूरज डूब गया। भारतीय वायुसेना के एमआई-17 वी फाइव हेलीकॉप्टर में सवार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत की इस हादसे में दर्दनाक मौत हो गई है। शाम छह बजकर तीन मिनट पर जैसे ही वायुसेना ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई तो हर शख्स स्तब्ध रह गया।
बिपिन रावत वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में व्याख्यान देने जा रहे थे। उनका चॉपर अपने गंतव्य पर पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बिपिन रावत की मधुलिका रावत आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं और सामाजिक सेवाओं में सक्रिय रूप से शामिल थीं। मध्य प्रदेश के शहडोल की रहने वाली मधुलिका रावत की शादी 1986 में बिपिन रावत से हुई थी। उनकी दो बेटियां हैं। एक मुंबई में रहती है और दूसरी बेटी उनके साथ रहती है। मधुलिका ने अपनी स्कूली शिक्षा ग्वालियर के सिंधिया कन्या विद्यालय से की और मनोविज्ञान की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से की। जब बिपिन रावत आर्मी में कैप्टन थे तभी मधुलिका ने उनसे शादी की ।
मधुलिका रावत का परिवार वर्तमान में शहडोल जिला मुख्यालय स्थित पुश्तैनी आवास ‘राजाबाग’ में रहता है। उनके पिता मृगेंद्र सिंह शाडोल जिले के सोहागपुर रियासत के रियासतदार थे। वह 1967 और 1972 में कांग्रेस विधायक भी रहे थे। आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन के एक प्रमुख पदाधिकारी के रूप में, मधुलिका रावत ने सेना की विधवाओं के लिए कई कल्याणकारी कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मधुलिका रावत के भाई यशवर्धन सिंह ने कहा कि वह आखिरी बार दिल्ली में दशहरा के अवसर पर बिपिन रावत से मिले थे। इस दौरान रावत ने उनसे वादा किया था कि वह मधुलिका के पैतृक गांव शहडोल जाएंगे और एक सैनिक स्कूल स्थापित करने में सहायता प्रदान करेंगे।