
भारतीय थल सेना और उज्बेकिस्तान की थल सेना के बीच आज से उत्तराखंड के पिथौरागढ में द्विवार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास दस्तलिक का चौथा संस्करण आरंभ होगा। यह अभ्यास पांच मार्च तक चलेगा। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व पश्चिमी कमान के हिस्से के रूप में गढ़वाल राइफल्स की 14वीं बटालियन करेगी। उज्बेकिस्तान की तरफ से वहां की थल सेना की उत्तर-पश्चिमी सैन्य टुकड़ी हिस्सा लेगी। संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य उप परंपरागत परिदृश्य में विभिन्न अभियानों के जरिए सैन्य क्षमता बढ़ाना है।
इस संयुक्त युद्धाभ्यास का उद्देश्य सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। संयुक्त सैन्य अभ्यास 20 फरवरी से पिथौरागढ़ सैन्य क्षेत्र में शुरू होगा जो पांच मार्च तक चलेगा। इसमें दोनों देशों के 45-45 जवान प्रतिभाग करेंगे। सेना से मिली जानकारी के अनुसार इस संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिक अपने-अपने कौशल और अनुभव को साझा करेंगे। दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियां पहाड़ी, ग्रामीण या फिर शहरी क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने का अभ्यास करेंगी।
इस संयुक्त अभ्यास से दोनों देशों के सैन्य संबंधों को मजबूती मिलेगी। बताया जा रहा है कि इसमें दोनों देशों के 90 जवान शामिल होंगे। इससे पहले वर्ष 2019 में पिथौरागढ़ में भारत और कजाकिस्तान का जबकि वर्ष 2021 में भारत और नेपाल की सेना के जवानों का संयुक्त सैन्य अभ्यास हुआ था।