कांवड़ यात्रा-2024 के शुरू होने से पहले ही पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। यूपी, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों से उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में गंगाजल को लेने के लिए आने वाले कांवड़ियों के लिए अभी से रणनीति गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान 7000 पुलिस के जवानों के कंधों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी। उत्तराखंड पुलिस की ओर से अंतरराज्यीय और विभिन्न एंजेंसियों के साथ कोऑर्डिनेशन बैठक में फैसला लिया गया है कांवड़ यात्रा रूट को 14 सुपर जोन, 36 जोन और 130 सेक्टरों में बांटा जाएगा।  विदित हो कि 22 जुलाई से 02 अगस्त तक कांवड़ यात्रा की शुरुआत होगी। हरिद्वार जिले के साथ ही पड़ोसी जिलों में भी अनेक चुनौतियां जैसे कानून व्यवस्था, भीड प्रबन्धन, यातायात प्रबन्धन आदि आती है।

कांवड़ मेले में इस बार भी कांवड़ की ऊंचाई तय की गई है। कोई भी कांवड़िया सात फीट से अधिक ऊंची कांवड़ नहीं लाएगा। डीजे पर इस बार भी नियंत्रण रखने को कहा गया है। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था के लिए सोशल मीडिया की निगरानी पर जोर दिया गया। कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अंतरराज्यीय व अंतरइकाई समन्वय बैठक में आठ राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने चर्चा कर दिशा निर्देश जारी किए। सोशल मीडिया को अधिक संवेदनशील माना और कहा कि निगरानी पहले से अधिक कड़ी की जाएगी। मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त फोर्स तैनात करने और यातायात सुगम बनाने के लिए डायवर्जन प्लान तैयार करने को भी कहा गया। पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और सीआरपीएफ, रेलवे सुरक्षा बल, इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

इसमें कुछ अधिकारी ऑनलाइन भी जुड़े। डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि कांवड़ यात्रा से पहले उत्तराखंड ही प्रभावित होता था, लेकिन अब उत्तर भारत के तमाम राज्यों पर असर पड़ने लगा है। ऐसे में जरूरी है कि सभी राज्य सुरक्षा और यातायात को लेकर तैयार रहें। सभी राज्य सोशल मीडिया की निगरानी के लिए अतिरिक्त प्रबंध करेंगे। ध्यान रखा जाए कि कोई ऐसा पोस्ट प्रसारित न हो, जिससे यात्रा प्रभावित हो। कांवड़ यात्रा में कोई उपद्रव होने पर इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आईजी इंटेलीजेंस कृष्ण कुमार वीके ने सोशल मीडिया के संबंध में जानकारी दी। हरिद्वार एसएसपी परमेंद्र डोभाल ने पुलिस की तैयारियों के बारे में जानकारी दी और पड़ोसी राज्यों से सहयोग की अपील की।