उत्तराखंड में रानीखेत विधायक के भाई सतीश नैनवाल को भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 7.65 एमएम के 40 जिंदा कारतूस के साथ पकड़ा गया है। नैनवाल का कार ड्राइवर दिनेश चंद्र भी उसके साथ था। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने शुक्रवार को चेकिंग के दौरान दोनों से प्रतिबंधित सामग्री पकड़ी। शनिवार को सतीश नैनवाल के विरुद्ध आर्म्स एक्ट में प्राथमिकी दर्ज हो गई। सतीश नैनवाल को 7.65 एमएम के 40 जिंदा कारतूस के साथ पकड़ा गया है। उसके बैग से ये जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। दौरान सतीश नैनवाल के साथ उनका ड्राइवर अल्मोड़ा निवासी दिनेश चंद्र भी मौजूद था। शनिवार को सतीश नैनवाल के खिलाफ आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।

बड़ा मामला सामने आने से राज्य में सियासी माहौल भी गर्म है। बता दें, कि सतीष नैनवाल पहले भी विवादों में घिर चुके हैं। इससे पहले उद्यान घोटाले में भी उनका नाम सामने आ चुका है। आखिर आरोपी भारी संख्या में जिंदा कारतूस किस मकसद से ले जा रहा था, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने नेपाल सीमा के पास सत्ताधारी दल के विधायक के भाई के पास 40 जिंदा कारतूस मिलने की घटना को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि माओवाद के खतरे को देखते इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से इसे दबाने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस इस मामले में तथ्य एकत्र कर रही है। बताया कि इन्हें राज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।

चालक ने बैग खुद का न होकर कार में बैठे साथी का होने की बात कही। साथी को बुलाया गया तो वह कार लेकर नेपाल की ओर भाग गया। एसएसबी के सिपाही ने बाइक से पीछा किया, लेकिन वह नेपाल में प्रवेश कर चुका था। सहायक कमांडेंट जसोबंता सेनापति की पूछताछ में चालक ने खुद का नाम दिनेश चंद्र पुत्र शेर राम निवासी दनपौ, जिला अल्मोड़ा बताया। कहा अपने साथी के साथ वह नेपाल जा रहा था।